राजस्थान सरकार की एक सराहनीय पहल “पालनहार योजना” के तहत अब अनाथ या माता-पिता से वंचित बच्चों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकार हर महीने ₹500 से ₹1000 तक की राशि सीधे बच्चों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर रही है।
इसका उद्देश्य बच्चों को समाज में सम्मान के साथ शिक्षा और पालन-पोषण का मौका देना है। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी।
योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि अनाथ या माता-पिता से वंचित बच्चों को संस्थान में न रखकर परिवार और समाज में ही पाला जाए। इसी सोच के साथ “पालनहार योजना” शुरू की गई थी।
Rajasthan Palanhar Yojana कब शुरू हुई?
पालनहार योजना की शुरुआत 2005 में राजस्थान सरकार द्वारा की गई थी, और अब 2025 में इसे और बेहतर किया गया है ताकि अधिक से अधिक बच्चों को फायदा मिल सके।
कौन-कौन से बच्चे पात्र हैं?
पात्रता की शर्त | विवरण |
---|---|
बच्चा अनाथ हो | माता-पिता में से कोई न हो या जेल में हों |
HIV, विधवा महिला या तलाकशुदा का बच्चा | पात्र |
नजदीकी रिश्तेदार/परिचित द्वारा पालन किया जा रहा हो | पात्र |
18 वर्ष से कम आयु का हो | पात्र |
योजना के तहत कितनी राशि मिलती है?
आयु वर्ग | सहायता राशि |
---|---|
0 से 6 वर्ष | ₹500 प्रति माह |
6 से 18 वर्ष (विद्यालय में पढ़ने पर) | ₹1000 प्रति माह |
यह राशि सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के तहत बैंक खाते में जाती है।
आवेदन कैसे करें?
राजस्थान पालनहार योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया बिल्कुल आसान है:
Offline Apply:
- नजदीकी बाल कल्याण कार्यालय जाएं
- आवेदन फॉर्म भरें
- जरूरी दस्तावेज़ संलग्न करें
- Submit करें
Online Apply (if available):
https://sje.rajasthan.gov.in
यहां से योजना की जानकारी और फॉर्म डाउनलोड किया जा सकता है।जरूरी दस्तावेज़:
- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
- पालनहार का आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- स्कूल प्रमाण पत्र (यदि पढ़ाई कर रहा हो)
- राशन कार्ड / BPL कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- फोटो
महत्वपूर्ण बातें:
- यह योजना हर जिले में लागू है
- सिर्फ योग्य बच्चों को ही लाभ मिलेगा
- साल में एक बार अधिकारियों द्वारा वेरिफिकेशन किया जाएगा
- बच्चे की पढ़ाई नियमित होनी चाहिए
इस योजना के फायदे:
- अनाथ बच्चों को आर्थिक सहारा
- संस्थानों में भेजने के बजाय परिवार में पालन
- शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा
- हर महीने निश्चित DBT भुगतान
निष्कर्ष:
Rajasthan Palanhar Yojana 2025 एक मानवीय और प्रभावशाली योजना है जो बच्चों को संस्थान में न भेजकर घर-परिवार के वातावरण में बड़ा होने का अवसर देती है। यदि आपके आस-पास कोई योग्य बच्चा है, तो उसे इस योजना के लिए जरूर आवेदन करवाएं।
Rajasthan Palanhar Yojana से जुड़े सवाल (FAQs)
1. पालनहार योजना में कितनी राशि मिलती है?
0–6 वर्ष के बच्चों को ₹500 और 6–18 वर्ष के स्कूली बच्चों को ₹1000 प्रति माह मिलते हैं।
2. इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
अनाथ, HIV प्रभावित, तलाकशुदा महिला या विधवा के बच्चे जो परिवार में रह रहे हैं।
3. आवेदन कैसे करें?
आवेदन बाल कल्याण कार्यालय में जाकर offline किया जा सकता है। कुछ जिलों में online विकल्प भी है।
4. क्या यह राशि DBT के जरिए मिलती है?
हां, पालनहार योजना की सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।
5. क्या यह योजना प्राइवेट स्कूल के बच्चों को भी मिलती है?
नहीं, योजना का लाभ केवल सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मिलता है।
6. पालनहार योजना के लाभार्थी कौन हैं?
पालनहार योजना का लाभ उन बच्चों को दिया जाता है जो अनाथ हैं, जिनके माता-पिता नहीं हैं, या जिनके माता-पिता जेल में हैं या गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। साथ ही HIV संक्रमित बच्चों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को भी इस योजना के तहत सहायता मिलती है।
7. पालनहार योजना में कितने पैसे मिलेंगे?
राजस्थान पालनहार योजना 2025 के तहत 0 से 6 साल के बच्चों को ₹500 और 6 से 18 साल के बच्चों को ₹1000 प्रतिमाह की सहायता राशि सीधे उनके पालनहार के खाते में भेजी जाती है।
8. राजस्थान पालनहार योजना 2025 क्या है?
यह योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य अनाथ बच्चों और विशेष स्थिति में रह रहे बच्चों को वित्तीय सहायता देना है, ताकि उनकी परवरिश सम्मानजनक तरीके से हो सके।
9. पालनहार योजना का लाभ कौन ले सकता है?
इस योजना का लाभ केवल राजस्थान में निवास करने वाले उन बच्चों को मिलता है जो अनाथ हों या जिनके माता-पिता सक्षम नहीं हैं। बच्चों का लालन-पालन करने वाला अभिभावक (पालनहार) पात्र होना चाहिए और BPL श्रेणी का होना ज़रूरी है।
10. अनाथ बच्चों के लिए कौन सी योजना है?
राजस्थान में अनाथ बच्चों के लिए सबसे प्रमुख योजना “मुख्यमंत्री पालनहार योजना” है। इसमें अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाती है और स्कूल जाने वाले बच्चों को यूनिफॉर्म, किताबें और स्टेशनरी के लिए भी अलग से राशि दी जाती है।
11. पालनहार का फॉर्म कौन भर सकता है?
पालनहार फॉर्म वही व्यक्ति भर सकता है जो किसी योग्य बच्चे की देखरेख कर रहा हो और सरकारी मापदंडों पर खरा उतरता हो। यह फॉर्म स्थानीय पंचायत या नगर पालिका कार्यालय में जाकर भर सकते हैं।
12. मुख्यमंत्री पालनहार योजना क्या है?
मुख्यमंत्री पालनहार योजना, राजस्थान सरकार की एक फ्लैगशिप योजना है, जो अनाथ, परित्यक्त, जेल में बंद माता-पिता वाले या HIV से ग्रसित माता-पिता के बच्चों को सामाजिक सुरक्षा देने का कार्य करती है। यह योजना बच्चों को एक बेहतर जीवन देने की दिशा में सहायक है।
13. पालनहार योजना की राशि क्या है?
योजना के तहत:
- 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को ₹500 प्रतिमाह
- 6 से 18 वर्ष तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को ₹1000 प्रतिमाह
की राशि दी जाती है। इसके अलावा स्टेशनरी और ड्रेस के लिए भी एकमुश्त सहायता मिलती है।
14. पालनहार योजना के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए?
आवेदन के समय नीचे दिए गए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
- पालनहार का आधार कार्ड
- BPL कार्ड या गरीबी रेखा प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की कॉपी
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बच्चे की स्कूल प्रमाणित मार्कशीट (यदि हो)
15. पालनहार योजना में नाम कैसे जोड़ें?
नाम जोड़ने के लिए आवेदनकर्ता को अपने नजदीकी पंचायत समिति, ग्राम सचिवालय या नगर पालिका कार्यालय जाना होगा। वहाँ आवेदन फॉर्म भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ जमा करना होता है। इसके बाद आवेदन की जांच की जाती है और पात्रता मिलने पर योजना में नाम जोड़ दिया जाता है।