भारत जैसे विशाल देश में पानी केवल जीवन का आधार ही नहीं बल्कि कृषि, उद्योग और घरेलू उपयोग का भी सबसे महत्वपूर्ण साधन है। लेकिन बढ़ती आबादी, अनियमित वर्षा, भूजल दोहन और जलवायु परिवर्तन ने देश में जल संकट को गंभीर बना दिया है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार लगातार नई योजनाएं बना रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य है –
- पानी की बर्बादी रोकना
- वर्षा जल को संग्रहित करना
- भूजल स्तर को पुनः recharge करना
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करना
केंद्रीय स्तर की प्रमुख योजनाएं
1. जल शक्ति अभियान – कैच द रेन
- यह अभियान “जहाँ गिरे, जब गिरे” के सिद्धांत पर आधारित है।
- इसका मुख्य उद्देश्य है वर्षा जल का अधिकतम संचयन और भूजल पुनर्भरण।
- इसके तहत राज्यों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे स्थानीय स्तर पर वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाएं।
- पंचायतों, नगर निकायों, NGOs और आम नागरिकों की सहभागिता पर विशेष बल दिया गया है।
2. अटल भूजल योजना
- 2019 में शुरू की गई इस योजना का फोकस है भूजल प्रबंधन।
- यह सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है।
- किसानों और पंचायतों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे भूजल का उपयोग संतुलित तरीके से कर सकें।
- इसका लक्ष्य है 7 राज्यों में हजारों गांवों में जल स्तर बढ़ाना।
3. अमृत सरोवर योजना
- 2022 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य है प्रत्येक जिले में कम से कम 75 तालाबों का निर्माण या पुनरुद्धार।
- अब तक देशभर में 68,000 से अधिक तालाब बन चुके हैं।
- इससे न केवल जल संरक्षण हुआ बल्कि ग्रामीणों को रोजगार और सामुदायिक स्थल भी मिला।
4. जल जीवन मिशन
- “हर घर जल” इसका मुख्य लक्ष्य है।
- ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर तक नल से स्वच्छ पेयजल पहुंचाना।
- इस मिशन ने अब तक करोड़ों परिवारों को जोड़ा है।
- जल संचयन और पाइपलाइन नेटवर्क का विकास इसके महत्वपूर्ण हिस्से हैं।
राज्य-विशिष्ट पहलें
1. मध्य प्रदेश – जल गंगा संवर्धन अभियान
- मार्च से जून तक विशेष अभियान चलाया गया।
- इसमें पारंपरिक जल स्रोतों जैसे बावड़ी, कुएं और तालाब का पुनर्जीवन किया गया।
- ग्रीन बेल्ट विकसित किए गए और वर्षा जल संचयन की व्यवस्था की गई।
2. तेलंगाना – मिशन काकतीय
- इस योजना के तहत राज्य में 46,000 से अधिक पुराने टैंकों और झीलों का पुनरुद्धार किया गया।
- इससे कृषि उत्पादन बढ़ा और किसानों की आय में 78% तक वृद्धि दर्ज की गई।
3. तमिलनाडु – कूडिमरामथु योजना
- यह एक सामुदायिक भागीदारी वाली योजना है।
- हजारों जलाशयों और तालाबों को स्थानीय लोगों की मदद से पुनर्जीवित किया गया।
- इस पहल ने पारंपरिक संचयन प्रणाली को फिर से मजबूत किया।
4. राजस्थान और असम की पारंपरिक पद्धतियां
- राजस्थान में johad और चेक डैम बनाए जाते हैं।
- असम में dong प्रणाली का प्रयोग होता है।
- तमिलनाडु में एरी और ऊरणी पारंपरिक तालाब प्रणाली है।
तकनीकी और वित्तीय सहायता
- केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को तकनीकी मदद देती है।
- भूजल बोर्ड और जल आयोग राज्य स्तर पर जाकर मार्गदर्शन करते हैं।
- वित्तीय सहयोग CSR, मनरेगा और अन्य योजनाओं से जोड़ा जाता है।
- मास्टर प्लान 2020 में कृत्रिम recharge संरचनाओं के निर्माण का रोडमैप दिया गया है।
1: केंद्रीय योजनाओं की तुलना
योजना नाम | वर्ष | उद्देश्य | प्रमुख उपलब्धि |
---|---|---|---|
जल शक्ति अभियान | 2021 | वर्षा जल संचयन | सामुदायिक भागीदारी से हजारों संरचनाएं बनीं |
अटल भूजल योजना | 2019 | भूजल प्रबंधन | 7 राज्यों के हजारों गांव कवर |
अमृत सरोवर योजना | 2022 | तालाब निर्माण/पुनर्जीवन | 68,000+ तालाब बने |
जल जीवन मिशन | 2019 | हर घर नल से जल | करोड़ों परिवार जुड़े |
2: राज्य स्तरीय योजनाएं
राज्य | योजना | उद्देश्य | परिणाम |
---|---|---|---|
मध्य प्रदेश | जल गंगा अभियान | पारंपरिक स्रोत पुनर्जीवित | जलस्तर बढ़ा |
तेलंगाना | मिशन काकतीय | तालाब व झील पुनर्जीवित | कृषि आय 78% बढ़ी |
तमिलनाडु | कूडिमरामथु योजना | जलाशय पुनर्जीवन | 16,000 संरचनाएं सुधरीं |
राजस्थान | जोहड़/चेक डैम | ग्रामीण संचयन | हजारों गांव लाभान्वित |
3: तकनीकी सहायता ढाँचा
संस्था | भूमिका | योगदान |
---|---|---|
भूजल बोर्ड | सर्वेक्षण व मार्गदर्शन | recharge तकनीक पर सहयोग |
जल आयोग | तकनीकी मूल्यांकन | राज्यों की सहायता |
CSR व मनरेगा | वित्तीय समर्थन | संरचना निर्माण |
मास्टर प्लान 2020 | रोडमैप तैयार करना | 1.42 करोड़ संरचनाओं का लक्ष्य |
4: प्रभाव और परिणाम
पहल | समय अवधि | लाभ |
---|---|---|
अमृत सरोवर | 2022–25 | भूजल recharge दोगुना |
अटल भूजल | 2019–25 | हजारों गांव लाभान्वित |
जल शक्ति अभियान | 2021–अब तक | स्थानीय संचयन संरचनाएं |
मिशन काकतीय | 2015–अब तक | कृषि उत्पादन में वृद्धि |
चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ
- धन की कमी
- भूमि विवाद
- रखरखाव की समस्या
- तकनीकी जागरूकता का अभाव
समाधान
- सामुदायिक भागीदारी
- CSR और मनरेगा का समन्वय
- दीर्घकालिक मॉनिटरिंग
- युवाओं और स्कूलों को जोड़ना
निष्कर्ष
जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन भारत के सतत विकास के लिए अनिवार्य हैं। राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की मिलीजुली पहलें इस दिशा में नई उम्मीद लेकर आई हैं। अमृत सरोवर जैसे कार्यक्रमों से लेकर मिशन काकतीय और जल गंगा अभियान तक – इन योजनाओं ने साबित किया है कि यदि समाज और सरकार मिलकर काम करें तो पानी की हर बूंद बचाई जा सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
जल शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
वर्षा जल का संचयन और भूजल स्तर को बढ़ाना।
अटल भूजल योजना किन राज्यों में लागू है?
यह 7 राज्यों में हजारों गांवों में लागू की गई है।
अमृत सरोवर योजना में क्या किया जाता है?
प्रत्येक जिले में 75 तालाब बनाए या पुनर्जीवित किए जाते हैं।
जल जीवन मिशन का लक्ष्य क्या है?
हर ग्रामीण घर तक नल से स्वच्छ जल पहुंचाना।
मिशन काकतीय किस राज्य की योजना है?
तेलंगाना राज्य की योजना।
कूडिमरामथु योजना किस राज्य में है?
तमिलनाडु में।
राजस्थान में जल संरक्षण की पारंपरिक विधियां क्या हैं?
जोहड़ और चेक डैम।
मध्य प्रदेश के जल गंगा अभियान में क्या किया गया?
पारंपरिक स्रोत पुनर्जीवित और ग्रीन बेल्ट बनाए गए।
तकनीकी सहायता कौन देता है?
भूजल बोर्ड और जल आयोग।
सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
रखरखाव और दीर्घकालिक निगरानी की कमी।