यह योजना किस चीज़ के लिए चलाई गई है?
भारत में लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा और उनके भविष्य को लेकर सरकार लगातार नई योजनाएं ला रही है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य समाज में लड़कियों को बोझ समझने की मानसिकता को खत्म करना और उन्हें समान अवसर देना है। बेटी के जन्म पर ₹1 लाख तक का लाभ देने वाली यह योजना भी इसी दिशा में एक मजबूत कदम है।
उद्देश्य | विवरण |
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बेटियों को बोझ समझने की सोच खत्म करना | योजना का उद्देश्य समाज में बेटियों को समान अधिकार और सम्मान दिलाना है, ताकि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर मिल सके। |
बेटी के जन्म पर आर्थिक सहायता देना | योजना के तहत बेटी के जन्म पर ₹1 लाख तक की राशि दी जाती है, ताकि पालन-पोषण, शिक्षा और भविष्य की जरूरतों के लिए वित्तीय मदद मिल सके। |
ग्रामीण और गरीब परिवारों को सशक्त बनाना | खासतौर पर उन परिवारों को लक्षित किया गया है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बेटियों की देखभाल में असमर्थ होते हैं। |
बेटियों की शिक्षा और पोषण सुनिश्चित करना | योजना का एक उद्देश्य यह भी है कि बेटियों को उचित पोषण और शिक्षा मिले ताकि वे स्वस्थ, शिक्षित और आत्मनिर्भर बन सकें। |
कम उम्र में विवाह रोकना | वित्तीय सहयोग और जागरूकता के माध्यम से योजना बाल विवाह को रोकने में सहायक है, जिससे लड़कियों को जीवन में आगे बढ़ने का मौका मिलता है। |
बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना | योजना बेटियों को शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे अपने फैसले खुद लेने में सक्षम बन सकें। |
समाज में सकारात्मक संदेश देना | बेटी के जन्म को उत्सव के रूप में मनाकर यह योजना समाज को यह संदेश देती है कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि गर्व और भविष्य का आधार हैं। |
माता-पिता को प्रोत्साहन देना | सरकार चाहती है कि माता-पिता अपनी बेटियों को स्कूल भेजें, उन्हें अच्छा पोषण दें और उनके भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाएं। |
यह योजना क्या है?
यह योजना “सुकन्या समृद्धि योजना”, “लाड़ली योजना” या राज्य सरकार की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसी पहल के तहत आती है, जिनमें बेटी के जन्म पर एक फिक्स्ड राशि जमा की जाती है। जब बेटी 18 या 21 साल की होती है, तब वह राशि ब्याज सहित उसे मिलती है।
विषय | विवरण |
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योजना का प्रकार | बालिका लाभ योजनाएं (जैसे: सुकन्या समृद्धि योजना, लाड़ली योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि) |
प्रारंभिक सहायता राशि | कुछ राज्यों में बेटी के जन्म पर ₹10,000 से ₹20,000 तक की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान की जाती है |
वार्षिक लाभ | स्कूल में प्रवेश और उपस्थिति पर हर साल छात्रवृत्ति या आर्थिक सहायता दी जाती है |
परिपक्वता पर राशि | बेटी के 18 या 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर संपूर्ण राशि (मूलधन + ब्याज) प्रदान की जाती है |
कुल संभावित लाभ | लाभ की कुल राशि ₹1 लाख या उससे अधिक तक हो सकती है (राज्य और योजना के अनुसार अलग-अलग) |
लक्ष्य | बेटी के पालन-पोषण, शिक्षा और शादी के लिए आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करना |
सरकार की भूमिका | केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर योजनाओं को लागू करते हैं |
उद्देश्य | बेटी को बोझ मानने की सोच को बदलना, शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए प्रोत्साहन देना |
इस योजना में सरकार का उद्देश्य है कि लड़की की शिक्षा और शादी के लिए अभिभावकों को कभी आर्थिक परेशानी न हो।
इस योजना का लाभ क्या होगा?
इस योजना से मिलने वाले लाभ कई स्तरों पर हैं
लाभ का प्रकार | विवरण |
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आर्थिक सहायता | बेटी के जन्म से लेकर 21 वर्ष की आयु तक किश्तों में राशि दी जाती है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और विवाह जैसी ज़रूरतों में उपयोगी होती है। |
बेटी को सुरक्षा का भरोसा | आर्थिक सहायता का भरोसा होने से माता-पिता बेटी की शिक्षा और देखभाल के लिए अधिक आश्वस्त रहते हैं। |
समाज में सकारात्मक सोच | योजना से समाज में यह बदलाव आता है कि बेटी अब बोझ नहीं, बल्कि एक मूल्यवान निवेश है – इससे मानसिकता में बड़ा परिवर्तन आता है। |
ब्याज सहित रिटर्न | सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं में जमा राशि पर सालाना ब्याज मिलता है, जिससे मेच्योरिटी पर एक बड़ा फंड तैयार होता है। |
आयकर में छूट | इस योजना के तहत निवेश करने पर धारा 80C के तहत आयकर में छूट प्राप्त होती है, जिससे करदाता को अतिरिक्त लाभ होता है। |
भविष्य की सुरक्षा | यह योजना बेटी की उच्च शिक्षा या विवाह के समय एक मजबूत आर्थिक आधार देती है, जिससे उसकी ज़िंदगी बेहतर और आत्मनिर्भर बनती है। |
अगर मैं घर से आवेदन कर रहा हूँ तो इसका सबसे आसान तरीका क्या है?
अगर आप घर से आवेदन करना चाहते हैं, तो सबसे आसान तरीका है कि आप संबंधित योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं, जैसे कि https://www.india.gov.in या राज्य की महिला एवं बाल विकास विभाग की साइट। वहां से ऑनलाइन फॉर्म भरें, जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें और सबमिट करें। आवेदन की स्थिति आप पोर्टल पर लॉगिन करके देख सकते हैं। यह तरीका आसान, सुरक्षित और समय की बचत करने वाला है।
विकल्प | कैसे करें आवेदन | लाभ |
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1. योजना की आधिकारिक वेबसाइट | संबंधित योजना की वेबसाइट (जैसे: https://sukanya.gov.in या राज्य पोर्टल) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। | सीधा सरकारी पोर्टल, भरोसेमंद, रियल टाइम अपडेट |
2. जन सेवा केंद्र (CSC) | नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर ऑपरेटर से ऑनलाइन फॉर्म भरवाएं। | ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आसान विकल्प, दस्तावेज़ अपलोड की सुविधा |
3. मोबाइल ऐप (अगर उपलब्ध हो) | कुछ योजनाओं के लिए सरकार ने विशेष ऐप लॉन्च किए हैं (जैसे: UMANG, Mahila Samarthya App)। इन्हें डाउनलोड कर फॉर्म भर सकते हैं। | फोन से ही सबकुछ – ट्रैकिंग, आवेदन, सहायता |
4. लोक सेवा केंद्र/ई-मित्र (राज्य आधारित) | राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ई-मित्र या लोक सेवा केंद्र के ज़रिए भी ऑनलाइन फॉर्म भरे जा सकते हैं। | राज्य विशेष सुविधाएं, आसान प्रक्रिया |
5. DigiLocker/आधार आधारित ई-केवाईसी | DigiLocker से दस्तावेज़ जोड़कर और आधार से ई-केवाईसी करके प्रक्रिया को जल्दी पूरा किया जा सकता है। | पेपरलेस और तेज़ वेरीफिकेशन |
6. हेल्पलाइन या चैटबॉट सहायता | कई पोर्टल्स पर लाइव चैट या हेल्पलाइन नंबर होते हैं जिनसे रियल टाइम में गाइडेंस मिलती है। | किसी भी स्टेप पर फंसने पर तुरंत समाधान |
अतिरिक्त सुझाव:
- आवेदन से पहले सभी दस्तावेज़ (PDF या JPEG में) स्कैन करके तैयार रखें।
- आवेदन पूरा होने पर उसका acknowledgment स्लिप या स्क्रीनशॉट सेव कर लें।
- अगर 15 दिनों में कोई अपडेट न मिले, तो पोर्टल पर लॉगिन करके Application Status ज़रूर चेक करें।
अगर कोई बाहर से फॉर्म भरवा रहा है तो उसे क्या करना पड़ेगा?
अगर आप किसी CSC (Common Service Centre) या साइबर कैफे से फॉर्म भरवा रहे हैं, तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखना होगा:
- सही जानकारी दें: अपने दस्तावेज़ खुद लेकर जाएं और किसी को भी गलत जानकारी न दें।
- ऑथेंटिक सेंटर चुनें: सुनिश्चित करें कि वह सेंटर सरकार से मान्यता प्राप्त है, जिससे आपका डाटा सुरक्षित रहे।
- रसीद लें: फॉर्म भरने के बाद आवेदन की रसीद अवश्य लें और उस पर एप्लिकेशन नंबर की जांच करें।
- डिजिटल हस्ताक्षर और फोटो: कई बार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की जरूरत होती है, जो सिर्फ अधिकृत सेंटर पर ही हो सकता है।
- फीस की रसीद लें: यदि कोई सेवा शुल्क लिया जा रहा है, तो उसकी पक्की रसीद जरूर लें।
इस तरीके से आप बाहर से भी फॉर्म भरवा सकते हैं, लेकिन हमेशा सतर्क रहें कि आपके कागज़ सुरक्षित रहें और गलत जानकारी दर्ज न हो।
इस योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
इस योजना में आवेदन करने के लिए आपको निम्न दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:
दस्तावेज़ का नाम | विवरण |
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माता-पिता का आधार कार्ड | पहचान प्रमाण के लिए |
बेटी का जन्म प्रमाण पत्र | योजना का पात्र बनने हेतु |
निवास प्रमाण पत्र | राज्य योजना होने पर ज़रूरी |
पासपोर्ट साइज फोटो | फॉर्म में लगाने हेतु |
बैंक पासबुक की कॉपी | लाभ राशि प्राप्त करने के लिए |
मोबाइल नंबर | OTP और भविष्य के मैसेज के लिए |
राशन कार्ड या परिवार पहचान पत्र | परिवार की जानकारी हेतु |
आय प्रमाण पत्र | आर्थिक स्थिति साबित करने हेतु |
इन दस्तावेजों को स्कैन करके ऑनलाइन अपलोड करना होता है या ऑफलाइन आवेदन करते समय सत्यापित कॉपी लगानी होती है।
आवेदन से जुड़े ज़रूरी सवाल और समाधान
क्रम | प्रश्न / टॉपिक | विवरण / क्या शामिल करें | उदाहरण | यूज़र को क्या लाभ होगा |
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1 | मोबाइल से आवेदन करते समय कौन-कौन सी गलतियां होती हैं? | – अधूरी जानकारी देना – आधार/बैंक डिटेल में गलती – गलत डॉक्यूमेंट अपलोड – अपठनीय स्कैन कॉपी – फोटो/साइन की धुंधली फाइल | गलत IFSC कोड डालने पर लाभ राशि नहीं मिलती | फॉर्म रिजेक्ट होने से बचाव, समय और पैसा दोनों की बचत |
2 | आवेदन रिजेक्ट होने के आम कारण क्या हैं? | – पात्रता पूरी न होना – डुप्लिकेट आवेदन – दस्तावेज़ अधूरे या असत्यापित – आयु सीमा से बाहर होना | एक ही आधार से दो बार फॉर्म भरने पर स्वतः रिजेक्शन | भविष्य में सुधार के लिए स्पष्ट दिशा और चेतावनी |
3 | फॉर्म रिजेक्ट हो गया हो तो क्या करें? | – पोर्टल पर “Edit Application” का विकल्प चेक करें – अगर यह बंद हो गया हो तो नजदीकी CSC सेंटर पर जाएं – हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें | फॉर्म में गलत बैंक अकाउंट नंबर डालने पर CSC से सही कराना | गलती सुधारने का सही रास्ता जानना, दोबारा आवेदन में आसानी |
4 | दस्तावेज़ अपलोड करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए? | – JPG या PDF फॉर्मेट – 100–500 KB साइज़ लिमिट – स्पष्ट और स्कैन की हुई कॉपी – मोबाइल से CamScanner/Adobe Scan जैसे ऐप्स का उपयोग | आधार कार्ड की 2MB फाइल पोर्टल पर अपलोड नहीं होती | अपलोड फेलियर या रिजेक्शन से बचने के लिए टेक्निकल समझ |
5 | राज्य अनुसार प्रक्रिया में क्या फर्क होता है? | – हर राज्य की अलग स्कीम (जैसे लाडली, कन्या उत्थान, सुकन्या) – कुछ में ऑफलाइन, कुछ में ऑनलाइन आवेदन – लाभ राशियों और पात्रता में अंतर | बिहार में ₹25,000 की मदद जबकि राजस्थान में किश्तों में ₹1 लाख तक | यूज़र अपने राज्य की योजना को सही से समझ पाता है |
6 | लाभ की स्थिति कैसे ट्रैक करें? | – योजना की वेबसाइट पर “Track Status” विकल्प – UMANG ऐप या योजना विशेष ऐप से स्थिति देखें – SMS और ईमेल अलर्ट की सुविधा | लाभ राशि ट्रांसफर हुई या नहीं – पोर्टल लॉगिन कर देख सकते हैं | यूज़र अपडेटेड रहता है, फॉलोअप लेने में सहूलियत |
7 | आवेदन के लिए क्या शुल्क देना पड़ता है? | – सरकारी पोर्टल से आवेदन बिल्कुल मुफ्त होता है – CSC या साइबर कैफे से करवाने पर ₹20–₹50 तक शुल्क लग सकता है – फर्जी फीस से बचें | कोई ₹200 मांग रहा है तो समझ जाएं वो गलत है | पारदर्शिता बनी रहती है, यूज़र ठगी से बचता है |
8 | लाभ मिलने में कितना समय लगता है? | – दस्तावेज़ सही हों तो 30–60 दिन में लाभ शुरू हो जाता है – कुछ राज्य जन्म के 6 महीने बाद किश्तें देते हैं – योजना के प्रकार पर निर्भर करता है | सुकन्या योजना में साल में 1 बार राशि जाती है, कन्या उत्थान में 3 किस्तों में | यूज़र का भरोसा बनता है और वह धैर्यपूर्वक फॉलोअप कर सकता है |
9 | अगर मोबाइल या नंबर बदल गया तो क्या करें? | – पोर्टल पर जाकर नया मोबाइल अपडेट करें (यदि विकल्प हो) – आधार लिंक्ड नंबर को अपडेट करवाएं – CSC सेंटर से नंबर बदला जा सकता है | OTP पुराने नंबर पर जा रहा है – लेकिन नया नंबर अभी लिंक नहीं है | OTP न मिलने की समस्या हल होती है, आवेदन की प्रक्रिया जारी रहती है |
10 | आवेदन फॉर्म भरने के लिए क्या तैयारी होनी चाहिए? | – पहले से सारे दस्तावेज़ स्कैन कर लें – बैंक डिटेल्स, फोटो, आधार पास रखें – सही वेबसाइट या ऐप को ही इस्तेमाल करें | UMANG ऐप खोलते समय कोई योजना लिस्ट में नहीं दिखी – वेबसाइट से अप्लाई करना पड़ा | फॉर्म भरते समय जल्दबाजी नहीं होती, यूज़र तैयार रहता है |
दूसरी बेटी के जन्म पर भी मिलेगा योजना का लाभ?
बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि क्या यह योजना सिर्फ पहली बेटी के लिए है या दूसरी बेटी को भी इसका लाभ मिल सकता है?
तो इसका जवाब है: यह योजना किस बेटी के लिए है, यह राज्य सरकार की गाइडलाइन्स पर निर्भर करता है। कुछ राज्यों में यह योजना सिर्फ पहली बेटी तक सीमित होती है, लेकिन कई योजनाएं दूसरी बेटी के लिए भी लाभ देती हैं, अगर कुछ विशेष शर्तें पूरी हों।
उदाहरण के लिए, कुछ योजनाओं में कहा गया है कि अगर परिवार ने बेटी की सही समय पर जन्म रजिस्ट्रेशन करवाया है, उसे स्कूल भेजा है और परिवार ने नसबंदी (Sterilization) करवा ली है, तब दूसरी बेटी को भी योजना में शामिल किया जा सकता है।
इसलिए, आपको संबंधित योजना की पात्रता गाइडलाइन्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए। यदि योजना दूसरी बेटी के लिए खुली है, तो आप निश्चित रूप से लाभ ले सकते हैं।
अगर मेरा फॉर्म रिजेक्ट हो जाए तो क्या करें?
यदि आपका आवेदन रिजेक्ट हो गया है, तो सबसे पहले रिजेक्शन का कारण जानना ज़रूरी है। अधिकतर मामलों में आवेदन अस्वीकार होने के पीछे कारण होते हैं:
- अधूरे या गलत दस्तावेज
- पात्रता की शर्तें पूरी न होना
- गलत जानकारी देना
- गलत फॉर्मेट में दस्तावेज़ अपलोड करना
अब आपको क्या करना है:
- योजना की वेबसाइट पर जाकर लॉगिन करें।
- वहाँ पर “Application Status” या “Rejected Reason” देखें।
- यदि सुधार संभव है, तो “Edit Application” विकल्प चुनें।
- नहीं तो फॉर्म को दोबारा सही जानकारी के साथ भरें और फिर से आवेदन करें।
कुछ योजनाओं में हेल्पलाइन नंबर या ईमेल सपोर्ट भी होता है, जिनसे आप मदद ले सकते हैं।
जन्म प्रमाण पत्र के बिना नहीं मिलेगा लाभ?
जी हां, जन्म प्रमाण पत्र इस योजना के लिए एक मुख्य दस्तावेज़ है। इसके बिना आप योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकते। यह प्रमाण पत्र यह साबित करता है कि:
- बच्ची का जन्म कब हुआ
- वह भारत की नागरिक है
- योजना में बताई गई तारीख के बाद जन्म हुआ है या नहीं
यदि आपके पास यह दस्तावेज़ नहीं है, तो आप निकटतम नगरपालिका/ग्राम पंचायत कार्यालय जाकर बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। यह प्रक्रिया अधिकतर राज्यों में आसान और निःशुल्क होती है।
अगर हम किराए के घर में रहते हैं, तब भी क्या योजना का लाभ मिलेगा?
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो भी आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं, बशर्ते कि:
- आपके पास निवास प्रमाण पत्र हो
- आपने उस राज्य में तय अवधि तक निवास किया हो (जैसे 3 या 5 साल)
सरकार योजना का लाभ स्थायी निवासी (permanent resident) को देती है, लेकिन किराए के मकान में रहना कोई अवरोध नहीं है। कई बार किरायेदार भी राशन कार्ड, वोटर ID या बिजली बिल से अपना निवास प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।
आपको आवेदन करते समय वही पता देना है जो आपके पहचान दस्तावेजों पर है।
अगर जन्म प्रमाण पत्र खो गया हो तो क्या करें?
अगर बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र गुम हो गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप आसानी से उसका डुप्लीकेट प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:
- उस नगर निगम / ग्राम पंचायत कार्यालय में जाएं जहाँ बच्ची का जन्म रजिस्टर्ड हुआ था।
- एक लिखित आवेदन दें कि आपका जन्म प्रमाण पत्र खो गया है।
- वहां आपको बर्थ रजिस्ट्रेशन नंबर बताना होगा (यदि याद हो) या माता-पिता का नाम और जन्म की तारीख से सर्च करवाना होगा।
- पहचान पत्र और पते का प्रमाण साथ में दें।
- ₹10 से ₹50 शुल्क के साथ डुप्लीकेट बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
कुछ राज्य डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र भी देते हैं, जिन्हें आप ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बेटी के जन्म पर ₹1 लाख तक का लाभ देने वाली सरकारी योजना सामाजिक बदलाव की दिशा में एक शानदार पहल है। यह योजना न केवल एक आर्थिक सहायता है, बल्कि एक प्रेरणा है कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि गर्व का विषय हैं।
इस योजना के अंतर्गत मिलने वाले फायदे जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा माता-पिता को एक भरोसा देते हैं। सबसे अहम बात यह है कि इस योजना का लाभ हर उस परिवार को मिल सकता है जो सही दस्तावेज़ों और पात्रता मानकों को पूरा करता है – चाहे आप किराए के घर में रहते हों, दूसरी बेटी का जन्म हुआ हो या दस्तावेज खो गए हों।
हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आवेदन पूरी तरह सही जानकारी से भरा हो और सभी प्रमाणपत्र सही ढंग से अपलोड किए गए हों। अगर फॉर्म रिजेक्ट हो जाए तो घबराएं नहीं, दोबारा भरें।
गलत जानकारी देकर फायदा लेना भविष्य में भारी पड़ सकता है, इसलिए ईमानदारी से आवेदन करें।
बेटी के जन्म पर ₹1 लाख तक का लाभ देने वाली सरकारी योजना (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल )
Q1. क्या यह योजना केवल भारत की नागरिकों के लिए है?
हाँ, यह योजना केवल भारतीय नागरिकों के लिए लागू है। आवेदन करते समय नागरिकता का प्रमाण देना अनिवार्य होता है।
Q2. क्या इस योजना का लाभ निजी अस्पताल में जन्मी बेटी को भी मिलेगा?
हाँ, अगर आपके पास अधिकृत जन्म प्रमाण पत्र है तो योजना का लाभ मिल सकता है, चाहे जन्म सरकारी या निजी अस्पताल में हुआ हो।
Q3. क्या इस योजना के लिए सालाना आय सीमा होती है?
हाँ, अधिकतर योजनाओं में लाभ लेने के लिए आय सीमा निर्धारित होती है। जैसे कुछ राज्यों में ₹2 लाख सालाना से कम आय वाले ही पात्र होते हैं।
Q4. क्या यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू होती है?
जी हाँ, अधिकतर योजनाएं पूरे राज्य या देश में लागू होती हैं, चाहे आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हों या शहरी क्षेत्र में।
Q5. क्या बिना बैंक खाता के आवेदन कर सकते हैं?
नहीं, योजना का लाभ सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है, इसलिए आवेदन के समय बैंक खाता अनिवार्य है।
Q6. अगर बच्ची की मृत्यु हो जाए तो क्या लाभ मिलेगा?
कुछ योजनाओं में ऐसी स्थिति में लाभ रुक जाता है, जबकि कुछ योजनाओं में आंशिक सहायता मिल सकती है। यह योजना पर निर्भर करता है।
Q7. योजना में आवेदन की अंतिम तिथि क्या होती है?
अधिकतर योजनाएं ओपन रहती हैं, लेकिन कुछ योजनाओं में बच्ची के जन्म के 1 वर्ष के भीतर आवेदन जरूरी होता है।
Q8. क्या यह योजना सिर्फ बेटी के जन्म पर ही लागू होती है?
हाँ, यह योजना विशेष रूप से बेटी के जन्म को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। बेटा होने पर इसका लाभ नहीं मिलता।
Q9. क्या मैं किसी एक से अधिक योजना का लाभ एक साथ ले सकता हूँ?
अगर आप पात्र हैं और योजनाएं एक-दूसरे को बाधित नहीं करतीं, तो आप एक से अधिक योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
Q10. आवेदन करने के बाद स्थिति कैसे चेक करें?
आप योजना की वेबसाइट पर जाकर “Application Status” सेक्शन में एप्लिकेशन नंबर डालकर स्थिति जान सकते हैं।